परछाई

मैं  तेरी और तू मेरी परछाई हैं ....
जो कभी ना मिट सके वो सच्चाई हैं ।

दूरियों के है ये फ़ासले बड़े ही कठोर   ....
दुखी ना होना चलने ना देना उदासी का ज़ोर   ....
प्रेम और सिर्फ प्रेम हैं इसका तोड़ ....
झाँक के देख दर्पण में मेरी ही प्रतिबिम्ब उभर आईं हैं  ....
मैं तेरी और तू मेरी परछाई हैं ।





समय और परिस्थितयों का ये खेल हैं .....
दुःख और उसके बाद सुःख कि अटूट ये रेल हैं  .... 
तू और मैं जन्म जन्मांतर का मेल हैं  ....
कर आँखों को बंद तस्वीर तेरी ही मेने पायीं हैं  ....
मैं तेरी और तू मेरी परछाई हैं ।




कोशिश मेरी रहेगी हरदम तुम्हे पाने कि  ....
टूटे हुए कांच के टुकड़ो से शीशमहल बनाने कि  ....
साथ जो पा जाउँ तुम्हारा तो तोड़ दू सभी हदें ज़माने कि  ....
तेरे मेरे सपनो को सच करने कि ज़िद मन में समाईं हैं ....
मैं तेरी और तू मेरी परछाई हैं …  

जो कभी ना मिट सके वो सच्चाई हैं   ....
मैं तेरी और तू मेरी परछाई हैं.... 

कुछ कर के दिखाना हैं ...

कुछ  कर के दिखाना हैं ...

दुनिया को हिलाना हैं, कुछ  कर के दिखाना हैं ...


वर्तमान में दानव चार,
गरीबी, अशिक्षा, साम्प्रदायिकता और भ्रष्टाचार |
बन जाओ राम और कृष्ण,
ले धनुष बाण और चक्र कर दो इनका संहार |
समाज से इनका नामो निशाँ मिटाना हैं...
कुछ  कर के दिखाना हैं ...


 सोते हुए शेरो जागो, उठो और मंजिल की और भागो...
यह समय नहीं हे सोने का न रोने का न धोने का...
लग जाओ पूरी ताकत से यह समय हे परिवर्तन लाने का..
मुश्किलों के दलदल में मेहनत के दम पर खुशियों के कमल खिलाना हैं
कुछ  कर के दिखाना हैं ...

गर जो मिले असफलता एक कदम पर फिर भी तुम न घबराना...
निश्चित हैं यह असफलता के बाद सफलता का आना...
मेहनत करने वालो की होती नहीं हार है..
बस थोड़ी सी मेहनत की और दरकार हैं..
क्योंकि हमे गगन को धरती से मिलाना हैं
कुछ  कर के दिखाना हैं ...