मन क्युँ है तु आज उदास ?
Posted by
Yogendra Singh
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Sunday, July 25, 2010
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मन क्युँ है तु आज उदास.
क्या सोच रहा है किसकी है आस
किस बात की है तुझे पीङा
क्युँ उठा रखा है नही बताने का बीङा
क्युँ बन रहा है तु अँधियारे का दास..
क्या सोच रहा है किसकी है आस....
क्युँ जागते हुए भी सोता है
मन ही मन न जाने क्युँ रोता है
पीने का है मन फिर क्युँ नही पीता है
जब बोतल रखी है पास....
मन क्युँ है तु आज उदास...
देख नया सवेरा आयेगा
आशाओ कि किरण लायेगा
उठ जाग और पा ले सपने
याद करे तुझे पराये और अपने
कुछ इस तरह जीवन को तराश...
मन क्युँ है तु आज उदास....
क्या सोच रहा है किसकी है आस
क्युँ है तु आज उदास....
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