कुछ कर के दिखाना हैं ...

कुछ  कर के दिखाना हैं ...

दुनिया को हिलाना हैं, कुछ  कर के दिखाना हैं ...


वर्तमान में दानव चार,
गरीबी, अशिक्षा, साम्प्रदायिकता और भ्रष्टाचार |
बन जाओ राम और कृष्ण,
ले धनुष बाण और चक्र कर दो इनका संहार |
समाज से इनका नामो निशाँ मिटाना हैं...
कुछ  कर के दिखाना हैं ...


 सोते हुए शेरो जागो, उठो और मंजिल की और भागो...
यह समय नहीं हे सोने का न रोने का न धोने का...
लग जाओ पूरी ताकत से यह समय हे परिवर्तन लाने का..
मुश्किलों के दलदल में मेहनत के दम पर खुशियों के कमल खिलाना हैं
कुछ  कर के दिखाना हैं ...

गर जो मिले असफलता एक कदम पर फिर भी तुम न घबराना...
निश्चित हैं यह असफलता के बाद सफलता का आना...
मेहनत करने वालो की होती नहीं हार है..
बस थोड़ी सी मेहनत की और दरकार हैं..
क्योंकि हमे गगन को धरती से मिलाना हैं
कुछ  कर के दिखाना हैं ...

भूले नहीं हैं .....

भूले  नहीं हैं .....

कैसे  मिली  आज़ादी  वतन  को,  हम  भूले  नहीं  हैं ..
वीर  शहीदों  के  उस  चमन   को  हम  भूले  नहीं हैं ||


स्वामी  विवेकानंद  के  फैलाए  ज्ञान  को.. 
लोकमान्य  तिलक - वीर  सावरकर  के  भारत  निर्माण  को...
गाँधी  के  सत्य  के  आह्व्हन  को ....
वीरो  के  पराधीनता  में  रोते  मन  को  हम  भूले  नहीं  हैं,
कैसे  मिली  आज़ादी  वतन  को,  हम  भूले  नहीं  हैं ||



 मंगल  पांडे - रानी  लक्ष्मीबाई  के  जंग-ऐ-एलान को..

भगत  सिंह - राजगुरु - सुखदेव  के  बलिदान  को ...
शहीदों  के  रक्त  से  रंजित  रण  को  हम  भूले  नहीं  हैं ..
कैसे  मिली  आज़ादी  वतन  को,  हम  भूले  नहीं  हैं ||






नेहरु,  शास्त्री,  पटेल,  आज़ाद,  बोस,  कलाम  और  अब्दुल  गफ्फार  खान  को...
देश  के बुजुर्ग,  बच्चे,  किसान  और  जवान  को ...
स्वाधीनता  की  लड़ाई  में  उतरने  वाले  उस  हर  एक  इंसान  को ....
दूर  हैं  जन्मभूमि  से  पर  उसके  धुल  के  कण  कण  को  हम  भूले  नहीं  हैं,
कैसे  मिली  आज़ादी  वतन  को,  हम  भूले  नहीं  हैं ||


            जय  हिंद .....जय  भारत - योगी