मैं तेरी और तू मेरी परछाई हैं ....
जो कभी ना मिट सके वो सच्चाई हैं ।
दूरियों के है ये फ़ासले बड़े ही कठोर ....
दुखी ना होना चलने ना देना उदासी का ज़ोर ....
प्रेम और सिर्फ प्रेम हैं इसका तोड़ ....
झाँक के देख दर्पण में मेरी ही प्रतिबिम्ब उभर आईं हैं ....
मैं तेरी और तू मेरी परछाई हैं ।
समय और परिस्थितयों का ये खेल हैं .....
दुःख और उसके बाद सुःख कि अटूट ये रेल हैं ....
जो कभी ना मिट सके वो सच्चाई हैं ।
दुखी ना होना चलने ना देना उदासी का ज़ोर ....
प्रेम और सिर्फ प्रेम हैं इसका तोड़ ....
झाँक के देख दर्पण में मेरी ही प्रतिबिम्ब उभर आईं हैं ....
मैं तेरी और तू मेरी परछाई हैं ।
समय और परिस्थितयों का ये खेल हैं .....
दुःख और उसके बाद सुःख कि अटूट ये रेल हैं ....
तू और मैं जन्म जन्मांतर का मेल हैं ....
कर आँखों को बंद तस्वीर तेरी ही मेने पायीं हैं ....
मैं तेरी और तू मेरी परछाई हैं ।
कर आँखों को बंद तस्वीर तेरी ही मेने पायीं हैं ....
मैं तेरी और तू मेरी परछाई हैं ।
कोशिश मेरी रहेगी हरदम तुम्हे पाने कि ....
टूटे हुए कांच के टुकड़ो से शीशमहल बनाने कि ....
साथ जो पा जाउँ तुम्हारा तो तोड़ दू सभी हदें ज़माने कि ....
तेरे मेरे सपनो को सच करने कि ज़िद मन में समाईं हैं ....
मैं तेरी और तू मेरी परछाई हैं …
साथ जो पा जाउँ तुम्हारा तो तोड़ दू सभी हदें ज़माने कि ....
तेरे मेरे सपनो को सच करने कि ज़िद मन में समाईं हैं ....
मैं तेरी और तू मेरी परछाई हैं …
जो कभी ना मिट सके वो सच्चाई हैं ....
मैं तेरी और तू मेरी परछाई हैं....